PDF Download: Sormandal सौरमंडल की जानकारी General Knowledge
Sormandal: Hello Readers आज के इस Article में हम Sormandal in Hindi के बारे में Information Share कर रहे हैं जिससे आपको सौरमंडल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हो सके और आप अपनी General Knowledge को Improve कर सकते हैं।
Sormandal सौरमंडल की सामान्य जानकारी हम सभी के लिए जरुरी होती है क्योंकि यह हमारा सौरमंडल है और इसलिए हमें इससे सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी होनी चाहिए इसके साथ ही General Knowledge को Increase करने के लिए भी हमें Sormandal से सम्बंधित सभी जानकारी को Read करना चाहिए।
जब हम Competitive Exams की तयारी करते हैं तो एक बहुत ही Important और Common Chapter हमारे सामने आता है जिसे हम Sormandal कहते हैं क्योंकि Exams में कभी-कभी सौरमंडल से सम्बंधित प्रश्न भी पूछ लिए जाते हैं इसलिए एक बार आप निचे दी गयी सभी Informations को अच्छी तरह से Read कर लें जिससे आप Exams में पूछे गए Answer का सही उत्तर दे सकते हैं।
Basic Information about Sormandal
हमारे सौरमंडल में कुल 8 गृह है जिनके रंग उन ग्रहों पर उपस्थित तत्वों के कारण भिन्न-भिन्न हैं। सौरमंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड शामिल हैं जो कि इस मंडल में एक दूसरा से गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के कारण एक सूत्र में बांधें हैं। सौरपरिवार में सूर्य, गृह, उपग्रह, उल्कापिंड, क्षुद्रग्रह और धूमकेतु आते हैं और इन सभी को मिलकर एक सौरमंडल का निर्माण होता है। जिनमे सूर्य इनके केंद्र में स्थित एक ऐसा तारा है जो कि सौर परिवार के लिए ऊर्जा वा प्रकाश प्रदान करता है। परिमंडल (Corona) सूर्य ग्रहण के समय दिखाई देने वाली ऊपरी सतह है जिसे हम सूर्य मुकुट भी कहते हैं।
Information about our Sun (Sormandal)
- सूर्य एक तारा है।
- सूर्य की पृथ्वी से निकटम दूरी 14.70 करोड़ किमी है।
- सूर्य से पृथ्वी की अधिकतम दूरी 15.21 करोड़ किमी है।
- सूर्य के केंद्र का तापमान 15 M.C. है।
- सूर्य की सतह का तापमान 6000 C है।
- सूर्य की वाहयत्तम परत किरीट (कोरोना) है।
- सूर्य का व्यास लगभग 13,92,000 किमी है।
- सूर्य की आयु लगभग 5 बिलियन वर्ष है।
- सूर्य में हाइड्रोजन 71% हीलियम26.5% और अन्य रासायनिक 2.5% हैं।
- सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 16.6 सेकंड में पहुँचता है।
- सूर्य पर हलके धब्बे को सौर्यकलन कहा जाता है, जो चुम्बकीय विकर्ण उत्सर्जित करते हैं जिससे पृथ्वी के बेतार संचार में खराबी आ जाती है।
Information about Planet (गृह) (Sormandal)
- गृह उन खगोलीय पिंडों को कहा जाता है जो कि एक निश्चित मार्ग पर सूर्य के चरों ओर परिक्रमा मक्ते हैं और सभी गृह सूर्य के पश्चिम से पूर्व की और परिक्रमा करते हैं, लेकिन शुक्र और अरुण ही ऐसे गृह हैं जो की इसके विपरीत परिक्रमा करते हैं।
- सूर्य से ग्रहों की दूरी का क्रम- बुद्ध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण।
- ग्रहों के आकर द्वारा घटते क्रम में- बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल और बुद्ध।
बुद्ध (Mercury)
- बुद्ध सौरमंडल का सबसे छोटा गृह है और साथ ही यह सूर्य के सबसे निकट का गृह भी है।
- बुद्ध का कोई भी उपग्रह नहीं है और यह सूर्य की परिक्रमा केवल 88 दिन में ही पूरी कर लेता है।
- क्योंकि बुद्ध पर वायुमंडल नहीं है इसलिए यहाँ जीवन की कोई भी सम्भावना नहीं है।
- पृथ्वी से इसके आकर की तुलना करें तो यह पृथ्वी से 18 गुना छोटा है।
- बुद्ध पर पृथ्वी की तुलना में गुरुत्वाकर्षण बल 3/8 ही है।
- सूर्य के निकट होने के कारण बुद्ध का तापान्तर सर्वाधिक 560 डिग्री सेंटीग्रेट है।
- बुद्ध का घूर्णन काल 58.6 दिन है।
शुक्र (Venus)
- शुक्र सौरमंडल का सबसे चमकीला गृह है और इसका तापमान 500 डिग्री सेंटीग्रेट है।
- यह सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में 225 दिन का समय लेता है।
- क्योंकि शुक्र अन्य ग्रहों के विपरीत सूर्य की परिक्रमा करता है इसलिए यहाँ सूर्योदय पश्चिम की तरफ और सूर्यास्त पूर्व में होता है।
- शुक्र पर वायुमंडल है जिसमे लगभग 95% कार्बन डाई ऑक्साइड CO2 की मात्रा है तथा 3.5% नाइट्रोजन की मात्रा का अनुमान लगाया गया है।
- यह पृथ्वी के सबसे निकट का गृह है और इस गृह को सांझ का तारा या भोर तारा भी कहा जाता है।
- शुक्र को पृथ्वी की भगिनी गृह कहते हैं क्योंकि यह अगर, धनत्व तथा व्यास में लगभग पृथ्वी के सामान है। शुक्र का कोई उपग्रह भी नहीं है।
- क्योंकि यह सूर्य और पृथ्वी के बीच में स्थित है इसलिए इसे अन्तर्ग्रह की श्रेणी में रखा गया है।
पृथ्वी (Earth)
- पृथ्वी ही सौरमंडल (Sormandal) का एक मात्र ऐसा गृह है जिसपर जीवन है।
- सूर्य से इसकी दूरी तीसरे स्थान पर है।
- ग्रहों के अगर एवं द्रव्यमान में यह पांचवे स्थान पर है।
- पृथ्वी पर जल की उपस्थिति के कारण यह अंतरिक्ष में नीले रंग का दिखाई देता है जिस कारण इसे नीला गृह भी कहा जाता है।
- यहाँ 71% भाग में जल व्याप्त है और मात्र 29% भाग ही स्थलीय है।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर 23% झुकी हुई है जिससे यहाँ ऋतू परिवर्तन होते रहते हैं।
- यह पश्चिम से पूर्व की ओर अपने अक्ष पर 1610 किमी प्रति घंटा का चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में एक चक्कर लगाती है।
- यह 29.72 किमी प्रति सेकंड की चाल से 356 दिन 5 घंटे और 48 मिनट 46 सेकंड में सूर्य का एक चक्कर लगाती है। पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगने वाले समय को ही सौर वर्ष कहा जाता है।
- सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 18 सेकेंड में पहुचंता है तथा चन्द्रमा के प्रकाश को पहुँचने में 1 मिनट 25 सेकेंड लगते हैं।
- सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी 15 करोड़ किमी है। लेकिन 3 जनवरी को पृथ्वी और सूर्य की दूरी 14.70 करोड़ किमी होती है जिसे हम उपसौर कहते हैं इसी प्रकार 4 जुलाई को यह दूरी 15.21 करोड़ किमी हो जाती है जिसे हम अपसौर कहते हैं।
- पृथ्वी की विषुवतीय व्यास 12756 किमी है और ध्रुवीय व्यास 12714 किमी है।
- पृथ्वी के उपग्रह का नाम चन्द्रमा है।
मंगल (Mars)
- मंगल गृह को लाल गृह भी कहा जाता है क्योंकि वहां मौजूद आयरन ऑक्साइड की मात्रा बहुत ही अधिक है।
- वह अपने अक्ष से 25 डिग्री कोण पर झुका हुआ है जिसकी वजह से वहा का मौसम परिवर्तित होते रहता है।
- मंगल गृह का अक्षीय झुकाव और दिन का मान लगभग पृथ्वी के बराबर ही है।
- इसके साथ ही मंगल और पृथ्वी में एक समानता यह भी है कि मंगल अपनी धुरी पर पृथ्वी के समान 24 घंटे 6 मिनट में एक चक्कर लगता है। और यह 687 दिन में सूर्य की परिक्रमा करता है।
- सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिंपस मेसी (Olympus Monse) स्थित है।
- मंगल गृह के दो उपग्रह है – फोबोस और डीमोस।
बृहस्पति (Jupiter)
- बृहस्पति आकर की दृस्टि से सबसे बड़ा गृह है और यह पृथ्वी से लगभग 1300 गुना अधिक बड़ा है।
- यह अपनी धुरी पर सबसे तेज गति से घूमता है, जिससे यह लगभग 9 घंटे 55 मिनट में अपनी धुरी पर एक चक्कर लगा लेता है।
- बृहस्पति को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 11 वर्ष 9 महीने का समय लगता है।
- इसके साथ है बृहस्पति के लगभग 16 उपग्रह है जिनमें गैनिमीड सबसे बड़ा है और यह पिले रंग का है।
शनि (Saturn)
- शनि अगर में दूसरा सबसे बड़ा गृह है और इसके चारो ओर एक छल्ला (वलय) पाया जाता है जो इसकी प्रमुख पहचान है।
- यह पिले रंग का गृह है।
- यह सूर्य की परिक्रमा 29 वर्षों में करता है।
- शनि के सबसे अधिक 30 उपग्रह हैं इसलिए इसे गैलेक्सी लाइक प्लेनेट भी कहा जाता है।
अरुण (Uranus)
- यह गृह आकर में तीसरा सबसे बड़ा गृह है तथा यह सूर्य से दूरी में सातवें स्थान पर है।
- अरुण गृह की कौन “सर विलियम हर्शल” ने 13 मार्च 1781 ई. में की थी।
- अरुण शुक्र की तरह पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है।
- यह सूर्य की परिक्रमा 84 वर्ष में करता है तथा इसका घूर्णन काल 10 से 25 घंटे हैं।
- अरुण अपने अक्ष से 82 डिग्री झुका है जिस कारण यह लेटा हुआ दिखाई देता है इसलिए इसे लेटा हुआ गृह भी कहा जाता है।
- मीथेन गैस के कारन यह हरे रंग का दिखाई देता है।
- इसके 21 उपग्रह है जिसमे प्रमुख है – मिरांडा, एरियल, ओबेरान, टाइटेनिया, कार्डेलिया, ओफेलिया इत्यादि।
वरुण (Neptune)
- वरुण की खोज जॉन गाले ने 1846 ई. में की थी।
- यह सूर्य से सबसे दूर आठवें स्थान पर स्थित है।
- वरुण सूर्य की परिक्रमा 166 वर्ष में पूरी करता है।
- यह पिले रंग का दिखाई देता है क्योंकि इसके वायुमंडल में अमोनिया, हाइड्रोजन, मीथेन, नाइट्रोजन गैस की अधिकता होती है।
- वरुण के लगभग 8 उपग्रह है जिसमे ट्राइटन एवं नेरिड प्रमुख है।
चन्द्रमा (Moon)
- यह एक छोटा सा पिंड है जो कि आकर में पृथ्वी के एक चौथाई है।
- चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट और 15 सेकेंड में करता है तथा इतने ही समय में यह अपने अक्ष पर घूर्णन करता है, यही कारण है कि पृथ्वी से चन्द्रमा का एक ही भाग दिखाई देता है।
- पृथ्वी और चन्द्रमा की औसत दूरी 38465 किमी है।
- चन्द्रमा और पृथ्वी महीने में दो बार समकोण बनते हैं।
- चन्द्रमा का व्यास लगभग 3476 और त्रिज्या 1738 किमी है।
- अपोलो -|| पहला अंतरिक्ष यान है जो कि सन 1969 ई. में चाँद पर गया था जिसमे नील आर्मस्ट्रोंग तथा एडविन आल्ड्रीन गए थे जिन्होंने पहली बार चन्द्रमा की सतह पर अपने कदम रखे थे।
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